लाभ की सीमा निश्चित होनी चाहिए, लाभ कब लोभ में बदल जाय कुछ कहा नहीं जा सकता: राजन महाराज
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0 comments, 2019-07-23, 100989 views
गोण्डा से रितेश गुप्ता की रिपोर्ट। लाभ की सीमा निश्चित होनी चाहिए। लाभ कब लोभ में बदल जाय, कुछ कहा नहीं जा सकता। यह उद्गार कथा व्यास राजन महाराज ने नगर के भैरवनाथ मार्ग पर स्थित बालकृष्ण ग्राउंड में सोमवार से प्रारम्भ हुए श्रीराम कथा के दौरान व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि ज्यादा जान लेने वाला व्यक्ति किसी बात को बिना तर्क की कसौटी पर कसे, मानने को तैयार नहीं होता है और यही प्राय: विपत्ति का कारण बनता है। श्री हनुमान गढ़ी सेवा समिति द्वारा आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के प्रथम दिन सोमवार को राजन महाराज ने सर्वप्रथम श्रीराम कथा की महिमा का वर्णन किया। इसके पश्चात उन्होंने भगवान शिव द्वारा माता सती का परित्याग करने की कथा का कारण सहित वर्णन किया। माता सती द्वारा हिमांचल की पुत्री उमा के रूप में जन्म लेने, नारद द्वारा उनका हाथ देखकर भविष्य बताने, देवताओं का भगवान शिव के विवाह के लिए आतुर होने आदि की कथा के समय श्रोता तालियां बजाने से स्वयं को न रोक सके। भगवान शिव की बारात में भूत, प्रेत, डाकिनी, शाकिनी आदि के हाव भावों का वर्णन सुनकर श्रोता हंसते हंसते लोट पोट हो गये। राजन महाराज ने भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह की कथा का भी विस्तार से वर्णन किया। कथा सुनकर श्रोता भावविभोर हो गये।
इस मौके पर पूर्व न्याय अध्यक्ष रामजीलाल मोदनवाल, अशोक सिंहानिया, संतोष जायसवाल, प्रकाश जायसवाल, डॉ. जेपी राव, हृदय नारायण मिश्र, नंद किशोर सिंहानिया, सुभाष तिवारी, नीरज कुमार वैश्य, घनश्याम तिवारी, राधामोहन उर्फ छोटे, अंकित जायसवाल आदि सहित भारी संख्या में लोग मौजूद रहे। श्रीराम कथा के उपरान्त श्रोताओं के लिए भोजन प्रसाद की भी व्यवस्था की गयी थी।
रितेश कुमार गुप्ता
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