बादाम भारत के शाकाहारी और मांसाहारी लोगों का पसंदीदा स्नैक है – हाल के सर्वे में हुआ खुलासा
आईपीएसओएस सर्वे की मुख्य
बातें:
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सर्वे में भाग
लेने वाले अधिकांश लोग हेल्दी स्नैकिंग आइटम्स पसंद करते हैं। इनमें दिल्ली के
बाद मुंबई और भोपाल का नंबर आता है। चंडीगढ़ के लोग हेल्दी स्नैक्स को लेकर ज्यादा
चिंतित नहीं हैं।
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शाकाहारी और
मांसाहारी,
दोनों तरह के लोग घर के बने स्नैक्स लेना पसंद करते हैं।
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59%
लोग अपनी पोषण सम्बंधी जरूरतों को लेकर चिंतित हैं। यह
अहमदाबाद (83%)
में सबसे अधिक और भोपाल (45%) में सबसे कम है।
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दिलचस्प बात
यह है कि भोपाल और अहमदाबाद के लोगों में क्रमशः वीगन और ग्लूटन-फ्री डाइट सबसे आम
है।
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शाकाहारी और
मांसाहारी लोगों का सबसे आम स्नैक फल हैं
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शाकाहारी लोग (74%) मांसाहारी लोगों (68%) की तुलना में अधिक बादाम खाते हैं।
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अहमदाबाद (86%), कोयंबटूर (67%), चेन्नई
(65%)
और हैदराबाद (55%) के लोग कच्चे बादाम पर स्नैकिंग करना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं
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स्वाद के
मामले में अधिकांश लोग ‘नमकीन’ (56%) को
पसंद करते हैं,
जिसके बाद ‘मीठे’ (49%) और फिर ‘हॉट एंड स्पाइसी’ (47%) का
नंबर आता है
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अधिकांश लोग (57%) दिन में एक बार स्नैक लेते हैं, शाम को 4 से 7 बजे के बीच। दिन में दो बार स्नैकिंग करना अहमदाबाद (71%) और भोपाल (50%)में आम
है
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दोनों तरह के
लोगों में स्नैकिंग सबसे आम है, जब टीवी देख
रहे हों या भोजन के बीच भूख लगे
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स्नैकिंग के
बारे में सोचते समय सभी आयु वर्गों के शाकाहारी और मांसाहारी लोगों (46%) के दिमाग में
‘कुरकुरा’ शब्द आता है। इसके बाद हेल्दी शब्द 41% लोगों के दिमाग में आता है
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वजन बढ़ना (22%) और पोषक तत्वों की कमी (21%) बड़ी चिंताएं हैं
आज की दौड़ती-भागती दुनिया
में स्नैकिंग कई भारतीयों के डाइट और रूटीन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। यह
बात मौजूदा संदर्भ में खासतौर से सच है, क्योंकि देश के कई भागों में लोग सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं। परिवार के
लोग घर से काम कर रहे हैं,
बच्चे और युवा स्कूल और कॉलेज में वर्चुअल उपस्थिति दर्ज
करा रहे हैं,
इसलिये स्नैकिंग को लेकर लोगों का रुझान काफी बढ़ गया है।
स्नैकिंग में कई तरह के खाने के पदार्थ आते हैं, इसलिये यह जानना रोचक है कि विगत कुछ वर्षों में लोगों की पसंद और आदतों में
बड़ा बदलाव आया है और लोग हेल्दी स्नैकिंग आइटम्स अपना रहे हैं।
एक रिसर्च कंसल्टिंग कंपनी
आईपीएसओएस द्वारा 3
से 24
मार्च के बीच हाल ही में किये गये एक सर्वे के अनुसार 91 प्रतिशत लोग स्नैकिंग के लिये सेहतमंद विकल्प लेते और चाहते
हैं। इस सर्वे के परिणाम बताते हैं कि भारत के उपभोक्ता विवेकपूर्ण और स्वास्थ्यकर
स्नैकिंग पसंद करते हैं।
आईपीएसओएस का यह
क्वांटिटैटिव सर्वे लोगों के एक ऐसे समूह के बीच स्नैकिंग की आदतों और पसंद का
पहचानने पर लक्षित था,
जिनकी डाइट दो तरह की है- शाकाहारी और मांसाहारी। कुल
मिलाकर,
परिणाम बताते हैं कि दोनों तरह के लोग बादाम और फल जैसे
हेल्दी और पोषण से भरपूर फूड आइटम्स पर स्नैकिंग पसंद करते हैं। 72 प्रतिशत लोगों ने बताया कि बादाम को नियमित खाने के स्वास्थ्य
लाभों को देखते हुए उन्होंने बादाम खाई (नियमित/अक्सर/कभी-कभी); बादाम का उपभोग दिल्ली (93%), मुंबई (82%) और चेन्नई (79%) में सबसे अधिक था।
भारत के 11 शहरों के 18-50 साल के कुल 4064 पुरूषों और महिलाओं का साक्षात्कार किया गया, यह शहर थे दिल्ली, मुंबई,
बैंगलोर, चेन्नई, भोपाल, चंडीगढ़, जयपुर, कोयंबटूर, कोलकाता, हैदराबाद और
अहमदाबाद।
इस सर्वे से यह भी पता चला
कि इनमें से अधिकांश लोगों,
जो शाकाहारी और मांसाहारी दोनों थे- ने घर की बनी चीजों की
स्नैकिंग को प्राथमिकता दी (53%)। इसके अलावा, 41-50 साल आयु वर्ग के लोगों में फल और बादाम जैसे हेल्दी स्नैकिंग विकल्पों को
खासतौर से पसंद किया गया। इतना ही नहीं, सर्वे में पता चला कि भारत की महिलाएं (63%)
पुरूषों (53%)
की तुलना में पोषण सम्बंधी जरूरतों को लेकर अधिक चिंतित
थीं।
न्यूट्रिशन एवं वेलनेस
कंसल्टेन्ट शीला कृष्णास्वामी ने इस सर्वे पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘अधिक से अधिक महिलाओं का हेल्दी स्नैक्स में रूचि दिखाना
एक अच्छा संकेत है और लंबी अवधि में यह स्वास्थ्यकर जीवनशैली की ओर झुकाव में मदद
कर सकता है। भारत के कई परिवारों में पोषण और भोजन का जिम्मा पूरी तरह से महिलाओं
के कंधों पर है और उनके जागरूक होने से पूरा परिवार स्वस्थ विकल्प अपनाएगा।
बादाम जैसे स्वास्थ्यवर्धक भोजन पर स्नैकिंग का यह चलन एक सकारात्मक बदलाव है और
मैं हर दिन एक मुट्ठी बादाम खाने की अनुशंसा करती हूँ, क्योंकि इसमें कई पोषक तत्व होते हैं, जैसे प्रोटीन, फाइबर,
आयरन, फोलेट, कॉपर, हेल्दी फैट्स, आदि और यह वजन पर नियंत्रण रखने के साथ ही हृदय के स्वास्थ्य और मधुमेह के प्रबंधन में लाभदायक हैं।’’
ऋतिका समद्दर,
रीजनल हेड- डायटेटिक्स, मैक्स हेल्थकेयर- दिल्ली के अनुसार,
“‘यह जानना दिलचस्प है कि भारत के मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों के लोग
धीरे-धीरे स्नैकिंग पर अपना नजरिया बदल रहे हैं। घर के बने स्नैक्स, फल या बादाम को चुनने की बात हो, तो यह सर्वे एक चलन पर जोर देता है कि अधिकांश भारतीय
स्वास्थ्यवर्धक और विवेकपूर्ण स्नैकिंग विकल्पों की ओर जा रहे हैं, जो अच्छी बात है। बादाम खासतौर से एक अच्छा स्नैक हैं, क्योंकि वे कुरकुरे और स्वास्थ्यकर होते हैं- अधिकांश
लोगों को यह दोनों गुण पसंद हैं। इसके अलावा,
नियमित रूप से बादाम खाने से
इम्युनिटी पर सकारात्मक प्रभाव होता है, क्योंकि उनमें विटामिन ‘ई’
अच्छी मात्रा में होता है, जो शरीर की रक्षात्मकता बढ़ाता
है, साथ ही तरल और कोशिका प्रतिरोधक प्रतिक्रिया को बल
देता है।’’
इस
सर्वे में भाग लेने वाले 72%
लोगों ने शरीर की पोषण सम्बंधी जरूरतों पर जागरूकता दिखाई। अहमदाबाद (89%), दिल्ली (82%), चंडीगढ़ (80%)
और मुंबई (78%)
के लोगों ने सबसे अधिक जागरूकता दिखाई, जबकि सबसे कम जागरूकता कोलकाता (46%) के लोगों ने दिखाई। इसके अलावा, शाकाहारी और मांसाहारी लोगों में से 59%
प्रतिसादियों ने कहा कि वे अपनी पोषण सम्बंधी जरूरतों को लेकर चिंतित
हैं। अहमदाबाद (83%)
और चेन्नई (70%)
के लोग सबसे अधिक चिंतित थे, जबकि भोपाल (45%) के लोग कम
चिंतित थे। वजन बढ़ना (22%)
और पोषक तत्वों की कमी (21%) स्नैकिंग
से सम्बंधित सबसे बड़ी चिंताएं थी, इधर जयपुर (55%) के लोग वजन बढ़ने पर सबसे अधिक चिंतित थे, जबकि बैंगलोर (55%)
के लोग इस बात पर कम चिंतित थे।
इस बारे में पाइलेट्स एक्सपर्ट और डाइट एवं
न्यूट्रिशन कंसल्टेन्ट माधुरी रूइया ने कहा,
‘‘संपूर्ण और पोषक तत्वों से प्रचुर बादाम जैसे
स्नैक्स अपनाकर कई परिवार सेहतमंद लाइफस्टाइल की ओर बढ़ चुके हैं। लंबे समय तक
फायदा लेने के लिये यह बदलाव स्नैकिंग के समय और अवसरों में भी होना चाहिये और इसे
परिवार के सभी सदस्यों को अपनाना चाहिये, चाहे वे छोटे हों या बड़े। बादाम खाना खासतौर से एक
अच्छी आदत है, जिसे हर कोई अपना सकता है, क्योंकि बादाम कभी भी खाये जा सकते हैं और भारतीय
मसालों से इनका स्वाद बढ़ जाता है। इसके अलावा, बादाम वजन पर नियंत्रण में मदद करते हैं,
जो कि अधिकांश लोगों की चिंता
है। एक हालिया अध्ययन के अनुसार, रोजाना 42 ग्राम बादाम खाने से पेट की चर्बी और कमर भी कम
होती है, जो
कि हृदय रोग के जोखिम के कारक हैं।’’

पवन श्रीवास्तव
यूपी पत्रिका डेस्क
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