मधुमेह रोगियों की सेहत खराब कर सकता है वायु प्रदूषण,रहिए सतर्क
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समय के साथ वातावरण में लगातार बदलाव हो रहा है और इस बदलाव से हमारा जीवन प्रभावित होता है। ऐसे में आवश्यक है कि हम इन परिवर्तनों के प्रति जागरूक रहें और समय रहते इनका उचित समाधान करें। वर्तमान में प्रदूषण देश के लिए गंभीर समस्या है। हालांकि दुनिया के अधिसंख्य देश प्रदूषण( वायु, ध्वनि, जल आदि) से ग्रस्त हैं। इसके कारण विश्व की आबादी का एक बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य संबंधी कई गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट अनुसार, घर के अंदर और बाहर होने वाले वायु प्रदूषण के कारण हर साल करीब 70 लाख लोगों की मौत समय से पहले हो जाती है। हमारे देश में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुका है। सर्दियों की शुरुआत यानी नवंबर व दिसंबर माह में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, फरीदाबाद, गुरुग्राम, नोएडा, लखनऊ आदि जगहों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है।दिल्ली-एनसीआर के लोगों का सांस लेना दूभर है। वहां की वायु गुणवत्ता बेहद खराब है। तापमान में गिरावट के कारण आसमान को धुंध यानी स्माग की चादर ने ढक लिया है। दरअसल, जब वायुमंडल में प्रदूषण के बारीक कण ठहर जाते हैं तो वातावरण में स्माग बनता है। इसका कारण पटाखों का धुआं, कोयले, पराली का जलाना, औद्योगिक इकाइयों से निकला उत्सर्जन व गाडिय़ों से निकलने वाला धुआं है। इसके कारण स्वस्थ व्य1ित भी कई तरह की मौसमी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं। नाक बहना, छींकना, गले में खराश, आंखों में जलन, पानी आना, लगातार सूखी खांसी रहना आदि परेशानियों का कारण तापमान में गिरावट, प्रदूषण और एलर्जी कारक तत्वों का वातावरण में मौजूद रहना है।

आस्था पाल
यूपी पत्रिका डेस्क
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