युवा क्यों हो रहे हैं अग्रेशन का शिकार? जानें एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं..
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0 comments, 2022-11-23, 561279 views
मनसा ग्लोबल फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ की फाउंडर और क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. श्वेता शर्मा का कहना है, "आज के युवाओं में तेज़ गुस्सा या अग्रेशन ज़्यादा होने के पीछे उम्मीदों का बढ़ना, सामाजिक दबाव, और व्यक्तिगत पहचान बनाने की चाह है। इनका न पूरा होना युवाओं में अग्रेशन का कारण बन रहा है। नशे की लत के शिकार वे युवा होते हैं, जो भावनाओं को दबाकर रखते हैं या फिर उनके घर में उन्हें सुरक्षित स्थान नहीं मिल पाता। इसमें पैरेंट्स को भी अपने बच्चों को समझने की ज़रूरत है। बच्चों को पालने का एक ही तरीका नहीं है, हर बच्चा अलग होता है, और उसके व्यक्तित्व के मुताबिक ही उसकी परवरिश की जानी चाहिए।"
- जो लोग बायपोलर होते हैं, वे अक्सर अग्रेसिव हो जाते हैं। वे आत्म-नियंत्रण खो देते हैं, और बिना सोचे समझे कदम उठा लेते हैं।
- इस समस्या में भी अग्रेशन दिखता है। उदाहरण के तौर पर, जो युवा शीज़ोफ्रेनिया से पीड़ित होते हैं, वे अक्सर गुस्से या आक्रामकता से जूझते हैं, जो परेशानी बन जाती है।
- प्रोफेशनल लाइफ के साथ निजी ज़िंदगी भी इसका कारण हो सकती है। कुंठा से पीड़ित नौजवान लोग अक्सर अग्रेसिव हो जाते हैं, क्योंकि उनके लिए अपनी बेचैनी या कुंठा से जूझना मुश्किल हो जाता है। साथ ही वे अपनी परेशानी या विचार को बोलकर व्यक्त कर पाने में भी असमर्थ होते हैं।
- जो नौजवान लोग ADHD से पीड़ित होते हैं, वे इम्पलसिव होते हैं और उनमें सही फैसला लेने की काबलियत भी नहीं होती। इन सब की वजह से इनका व्यवहार गुस्से से भर जाता है। ऐसे लोग आमतौर पर अपने एक्शन के परिणाम के बारे में नहीं सोचते।

आस्था पाल
यूपी पत्रिका डेस्क
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